प्रिय महोदय,

मेरा परिवार अत्यंत कठिन परिस्थितियों से गुजर रहा है। इसीलिए मैंने आपको पत्र लिखने का निर्णय लिया। मेरे पति का देहांत हो गया है। वे हमेशा काम करते थे, फिर भी हम कुछ भी बचत नहीं कर पाए। हम सबके लिए भोजन जुटाना मुश्किल हो रहा है। मेरी बेटियों की स्कूल और व्यावसायिक प्रशिक्षण की फीस के लिए मेरे पास अब पैसे नहीं हैं। इस कठिन परिस्थिति में आपने हमें 6,000 रुपये (64.00 यूरो) का दान देकर हमारी मदद की है। आपकी सहायता से हमें बहुत प्रसन्नता हुई है। मैं आपसे निवेदन करती हूं कि आप मेरी बेटियों की शिक्षा के लिए अपना सहयोग जारी रखें। मैं तहे दिल से आपका और अरुल अरक्कट्टलाई संस्था का आभार व्यक्त करती हूं। ईश्वर करे कि आपकी संस्था फले-फूले और गरीबों की सेवा करती रहे।

उसकी

एम. नागावली